तेरू जलम
(हिन्दी अनुवाद के साथ)
(हिन्दी अनुवाद के साथ)
(मुख्य पेज पर जायें- bejodindia.blogspot.com / हर 12 घंटे पर देखते रहें - FB+ Watch Bejod India)
तेरू जलम
नी होण कु रैबार
देद्या द्योरान
सौंणा मैना
बर्खदु रैंद थौ
अब तीसा रैग्यान
सैरा गाद गदेना
सैरा धारा मंगरा
तड़तड़ु घाम ल्हग्युं
बर्खण्यां मैनों
अँध्यार चौमासम
जेठा मैनों घाम ल्हग्युं
अर तचणीं छन
डोखरी, पुंगड़ी!
नौनी अर बरखा
न होंण सी
हर्चीगे
डेरों अर पुंगड़्युं की
रस्यांण…!
लठ्याळी……
नौनी तेरू
अर बरखा कु बी
कखी "नौ नी" बल!
.....
(हिन्दी अनुवाद)
तेरे जन्म के
न होने का संदेश
मौसम ने दे दिया है
सावन के महीने में
बरसता था घन
अब प्यासे रह गये हैं
गाद -गदेरे
धारे और मंगरे
बरसात के दिनों में
तेज धूप लगी है
चौमास के अँधियारे महीनों में
जेठ के महीने जैसी
धूप लगी है
और…
खेत खलिहान
धूप से
जल रहे हैं!
कन्या और बरखा
न होने से
उड़ गयी है
खेतों और घरों की रौनक
सुन ओ लड़की!
अब गढ़वाल के पहाड़ों पर
तेरा और बरखा का भी
कहीं कोई नाम नहीं है!
......
देद्या द्योरान
सौंणा मैना
बर्खदु रैंद थौ
अब तीसा रैग्यान
सैरा गाद गदेना
सैरा धारा मंगरा
तड़तड़ु घाम ल्हग्युं
बर्खण्यां मैनों
अँध्यार चौमासम
जेठा मैनों घाम ल्हग्युं
अर तचणीं छन
डोखरी, पुंगड़ी!
नौनी अर बरखा
न होंण सी
हर्चीगे
डेरों अर पुंगड़्युं की
रस्यांण…!
लठ्याळी……
नौनी तेरू
अर बरखा कु बी
कखी "नौ नी" बल!
.....
(हिन्दी अनुवाद)
तेरे जन्म के
न होने का संदेश
मौसम ने दे दिया है
सावन के महीने में
बरसता था घन
अब प्यासे रह गये हैं
गाद -गदेरे
धारे और मंगरे
बरसात के दिनों में
तेज धूप लगी है
चौमास के अँधियारे महीनों में
जेठ के महीने जैसी
धूप लगी है
और…
खेत खलिहान
धूप से
जल रहे हैं!
कन्या और बरखा
न होने से
उड़ गयी है
खेतों और घरों की रौनक
सुन ओ लड़की!
अब गढ़वाल के पहाड़ों पर
तेरा और बरखा का भी
कहीं कोई नाम नहीं है!
......
कवयित्री - रूचि बहुगुणा उनियाल
पता - नरेंद्र नगर (उत्तराखंड)
प्रतिक्रिया हेतु ईमेल आईडी - editorbejodindia@yahoo.com